स्त्री को समझना इतना भी मुश्किल नहीं है

स्त्री को समझना इतना भी मुश्किल नहीं है

SHARE
Photo Courtesy : Azhar Khan
Ashu Das
भगवान की सबसे खूबसूरत कृति स्त्री को माना जाता है। कहा जाता है कि स्वयं भगवान भी उन्हें बनाकर नहीं समझ पाये। इन बातों में कितनी सच्चाई है कितनी नहीं कहना मुश्किल है। लेकिन अक्सर लोगों को कहते सुना है कि लड़कियों को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
ये भी सुनने में आता है कि एक बार को समुद्र की गहराई मापी जा सकती है लेकिन महिलाओं के मन में क्या चल रहा है, ये जानना बहुत मुश्किल है।
स्त्री का स्वभाव होता ही ऐसा है कि वो सबकुछ अपने अंदर ही रखती है। स्त्री भगवान  की एक ऐसी रचना है जो किसी भी परिस्थिति में किसी भी समय में हर हाल में दृ़ढ़ता के साथ डटी रहती है। अपने आपको हर समस्या में सम्भालना स्त्री को बखूबी आता है।
स्त्री और पुरुष दोनों में से स्त्री, सामने आने वाली विपत्तियों का मुकाबला पूरी जान लगाकर करते हैं। स्त्री में न सिर्फ हिम्मत भरपूर होती है बल्कि प्रेम भी अथाह है। उसमें इतना प्रेम भरा है कि पूरी दुनिया का प्यार एक तरफ और एक स्त्री का प्यार एक तरफ किया जाये तो स्त्री के प्रेम का पड़ला ही भारी होगा। स्त्री जिससे भी प्रेम करती है वह भले ही उसके साथ कैसा ही व्यवहार क्यों न करें पर स्त्री के प्रेम में कभी भी कमी नहीं आती है।
महिलायें दिखने में बाहर से भले ही कितनी ही नाजुक क्यों न दिखाई देती हों लेकिन वो अंदर से कई गुना मजबूत होती हैं। भले ही आपको उनकी ये मजबूती दिखाई न देती हो लेकिन समय आने पर उनकी मजबूती का एहसास अपने आप होने लगता है।
लोगों को लगता है कि स्त्रियां बहुत कोमल होती हैं वह जरा-जरा सी बातों पर रो पड़ती हैं। लेकिन ये रोना ही तो उनकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। एक पुरुष महिला से भले ही शारीरिक रूप में कितना ही मजबूत क्यों न हो लेकिन एक स्त्री सोचने और समझने की ताकत में हमेशा एक पुरुष से आगे होती है। पुरुष चाहकर भी उनसे इस मुकाबले में आगे नहीं आ सकते।
ये हैरानी की बात है कि कमजोर होते हुए भी एक स्त्री के पास इतनी ताकत आई कैसे?
इस सवाल का जवाब है स्त्री के आंसू, जिसे उसकी कमजोरी कहा जाता है दरअसल वो ही उसकी ताकत है, क्योंकि वो उसकी कमजाेरी दूर करने का जरिया है। जब भी महिला खुद को कमजोर महसूस करती है या उसे लगता है कि वो अकेली है तो वो अपने आंसुओं के जरिये उस कमजाेरी, परेशानी और अवसाद को बहा देती है, अपने अंदर से निकाल देती है और फिर उसके अंदर होता है नई ऊर्जा का संचार। वो आंसू बहाकर अपने लिए ताकत समेटती है और तैयार हो जाती है किसी के भी सामने खड़े होने के लिए, किसी भी परेशानी का सामना करने के लिए। और उसी ताकत से सबको परास्त करती है फिर चाहे उसके सामने कोई भी क्यों न आ जाये।
ये है एक स्त्री के असली गुण और उसकी विशेषतायें जिसे अधिकतर लोगों के साथ बहुत सी स्त्रियां भी आज तक पहचान नहीं पाईं हैं।