तापमान के 42 डिग्री पहुंचने पर रखे इन बातों का ख्याल

तापमान के 42 डिग्री पहुंचने पर रखे इन बातों का ख्याल

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summer tips in hindi
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कहीं गर्मी का कहर तो कहीं बारिश बन रही है आफत। जी हाँ आज कल यही कुछ हो रहा है दुनिया भर में। अगर आप देश के उन कोनों में है जहाँ गर्मी ने जीना दूभर कर दिया है। तो ये पोस्ट आपके लिए काम का है। शायद आप नहीं जानते कि तापमान के 42 डिग्री पर पहुंचने पर आपको हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, फ्लू, चिकन पॉक्स और डायरिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ज़रूरी है इनसे बचने के लिए सावधानी बरती जाए।

गर्मी के कारण होने वाली बीमारियां और उनके बचाव 

1. हीट स्ट्रोक गर्मी में ज्यादा देर काम करने से शरीर के ओवरहीट होने से होता है। ऐसे व्यक्ति का इमरजेंसी इलाज करना चाहिए, नहीं तो उसके कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। लगातार तरल पदार्थ लेने, गर्मी से बचने, हवादार कपड़े पहनने से काफी राहत मिलती है।

2. शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन होता है। ज्यादा व्यायाम, गंभीर डायरिया, उल्टी, बुखार या ज्यादा पसीना इसके आम कारण हैं। व्यायाम के वक्त पानी न पीना या गर्मी में वैसे भी डीहाइड्रेशन हो सकता है। छोटे बच्चों, उम्रदराज लोगों और पुरानी बीमारी वालों को ज्यादा खतरा है। इसलिए गर्मी में पानी पीते रहना जरूरी है।

3. चिकनपॉक्स और मीजल्स भी गर्मी में होते हैं, क्योंकि तब इसके वायरस तेजी से फैलाते हैं। इसलिए सबको इसका वैक्सीनेशन लेना जरूरी है।

4. यूरिन संक्रमण भी बच्चों और बड़ों की आम बीमारी है। औरतों को अक्सर पता नहीं चलता कि उनमें पानी की कमी हो रही है और पानी न पीने से संक्रमण होता है।

5. गर्मी में भी पानी उबालकर पीना चाहिए, क्योंकि पानी की गुणवत्ता में कमी हो जाती है। पानी में अगर ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि मिला हो तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड हो सकता है।

6. प्यास न भी लगे, तब भी पानी पीते रहना चाहिए। दिल के रोगियों को तीव्र गर्मी में घर के अंदर ही रहना चाहिए, क्योंकि गर्मी में दिल को त्वचा तक रक्त पहुंचाने के लिए काफी जोर लगाना पड़ता है। ज्यादा मेहनत जानलेवा हो सकती है। जंक फूड और सड़क किनारे से कुछ खरीदकर न खाएं, क्योंकि गर्मी में खाना जल्दी खराब होता है।