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फाइल फोटो

मीठा और वुमन का एक अलग ही कॉम्बिनेशन है। केक, कुकीज, चाकलेट, आइसक्रीम यहां तक की चाय की बात आती है तो महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले यह सब खाने और पीने में वो काफी आगे रहती हैं। बाकि वक्त तो ठीक है, लेकिन जैसे ही बात वजन कम करने की आती है तो इन चीजों पर काबू करना काफी मुश्किल हो जाता है। खैर कुछ पलों के लिए केक और कुकीज पर महिलाएं काबू पा लेती हैं, लेकिन हाई कैलोरी वाले शुगर ड्रिंक्स पर काबू पाना लगभाग नामुमकीन है।

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वैसे यह बात किसी से छिपी नहीं है कि गुड कैलोरी की तरह बैड कैलोरी भी होती हैं। लेकिन एक नई बात सामने आई है और वह यह कि बैड कैलोरी की भी कई वैराएटी होती हैं। पिछले दिनों यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो एक मीठी ड्रिंक है, से क्रॉनिक हेल्थ प्रॉब्लम बढ़ जाती हैं। किसी भी फूड से मिलने वाली कैलोरी से मोटापा और दूसरी कार्डियोमेटाबॉलिक डिजीज होने की आशंका होती है।

रिसर्चर्स ने शुगर के सब्स्टीट्यूट एस्पार्टेम से जुड़ी एक बात अहम बात सामने रखी। इनका कहना था कि एस्पार्टेम एडल्ट्स में वजन नहीं बढ़ाता, हालांकि बहुत से लोगों को यह बात हैरान कर सकती है। रिसर्चर स्टेनहोप का कहना था, ‘अगर आप इंटरनेट पर सर्च करें तो एक आम इंसान की तरह सोचने पर आपको यकीन हो जाएगा कि एस्पार्टेम से आपका वजन बढ़ता है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। साथ ही किसी भी नॉन कैलोरिक स्वीटनर का इस्तेमाल करने पर वजन में बढ़त दिखाई नहीं दी।’ इस रिसर्च के अंत में एक और नई बात सामने आई। डेरी फूड जैसे कि चीज और योगर्ट, जो सैच्युरेटेड फैट में हाई होते हैं, उन्हें कम कार्डियोमेटाबॉलिक जोखिम वाला बताया गया।