प्रीनेटल फिटनेस के फायदे

प्रीनेटल फिटनेस के फायदे

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प्रेग्नेंसी के समय किसी भी तरह की  एक्सरसाइज करने से पहले उसके dos and don’ts जानना बहुत ज़रूरी है। किसी भी तरह की फिटनेस एक्सरसाइज करने से पहले अपनी ऑब्स्टट्रिशन (Obstetrician) से ज़रूर सलाह ले। 
प्रीनेटल फिटनेस बहुत ज़रूरी है। प्रेगनेंसी के समय एक्सरसाइज करने से एक तो महिला की मसल्स मज़बूत होती है, उसमें ताकत आती है, सहनशक्ति को भी बढ़ावा मिलता है और एनर्जी भी बनी रहती है। ये न सिर्फ एक प्रेगनेंट महिला का मूड बेहतर करने में हेल्पफुल है बल्कि एक्सरसाइज करने से नींद भी अच्छी आती है। गेस्टेशनल डायबिटीज को प्रिवेंट करने में भी बहुत हेल्पफुल है। इस टाइम जो ज़्यादातर महिलओं को कमर में दर्द रहता है उसे कम करता है। कॉन्स्टिपेशन कम करता है। कई महिलओं को प्रेग्नेंसी के समय स्वेलिंग होती है उसे भी कम करता है। इससे बेबी डिलिवरी के टाइम पर बहुत आसानी रहती है।
कुछ हार्मोन्स होते है जो प्रेग्नेंसी के समय हमारी बॉडी में सीक्रेट होते है। हमारी बॉडी मे लिगामेंट होता है जो हमारे जॉइंट्स को स्पोर्ट करता है। उसको ये हार्मोन्स बहुत रिलेक्स कर देते है। जिससे जॉइंट्स ज़्यादा मोबाइल हो जाते है जिसकी वजह से चोट लगने का रिस्क भी बहुत बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के समय महिला का वज़न भी बढ़ जाता है, बेबी की वजह से जो बॉडी का एक्स्ट्रा वेट है वो आगे की तरफ आ जाता है। इसकी वजह से जो जॉइंट्स और मसल्स होते हैं उन पर काफी स्ट्रेस बढ़ जाता है, खासकर कमर और लोअर बैक की तरफ। इसकी वजह से महिला ज्यादा स्टेबल नहीं रह पाती हैं, बैक पैन भी रहता है, ऐसे में चलते वक्त या एक्सरसाइज  करते समय महिला का बैलेंस बिगड़ने और गिरने का रिस्क भी काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा ज़्यादा वज़न बढ़ने की वजह से कोई भी काम करना, प्रेगनेंसी से पहले के मुक़ाबले मुश्किल भी हो जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान हर काम करने में ज़्यादा मशक्त करनी पड़ती है।
अगर आपने प्रेग्नेन्सी से पहले कभी एक्सरसाइज नहीं की है तो डॉक्टर ( ऑब्स्टट्रिशन्स ) की सलाह से प्रेगनेंसी में भी एक्सरसाइज शुरू कर सकते है। इस समय आपकी जो कोर मसल्स जैसे कमर, पेट और पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्ट्रोंग बनाना ज़्यादा ज़रूरी होता है। पैन कोपिंग टेक्निक्स (दर्द से मुकाबला करने की तकनीक) सीखें जैसे ब्रीथिंग टेक्निक्स, मसाज, मैडिटेशन। ये सभी लेबर और  डिलीवरी के समय बहुत हेल्पफुल साबित होती हैं।
प्रेगनेंसी के समय महिला के शरीर में काफी चेंजस आते हैं जिनकी वजह से कुछ ऐसी पोज़िशन होती है जो इस समय महिला और उसके बेबी के लिए रिस्की होती हैं। प्रेगनेंसी में फर्स्ट सैमेस्टर के बाद अपनी  पीठ पर कोई भी एक्सरसाइज करने से बचें।
कभी भी ज़्यादा देर तक एक ही पोज़िशन में मोशनलेस खड़े नहीं रहना चाहिए, हमेशा मूवमेंट करते रहना चाहिए।
एक्सरसाइज के समय हमेशा ढीले, आरामदायक कपडे ताकि एक्सरसाइज करते समय आपकी बॉडी का टेम्प्रेचर न बढ़े। इस तरह के इनर वियर पहने जो आपके प्राइवेट पार्ट्स को सपोर्ट के साथ प्रोटेक्ट भी करें और आप को फिट आएं।
ज़्यादा गर्म या नमी वाले मौसम में ब्रिस्क एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। अपनी बॉडी को एक्सरसाइज के समय ज़्यादा गर्म न होने दे। वैसे एक्सरसाइज के समय पानी पीना मना किया जाता है पर जब आप प्रेग्नेंट है तो एक्सरसाइज के समय हर 10-15 मिनट में थोड़ा-थोड़ा पानी पिते रहना चाहिए। डीहाइड्रेशन से हमेशा बचने की कोशिश करें।
एक्सरसाइज करने के बाद 1 घंटे के अंदर आपको कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर खाना भी खाना ज़रूरी है। इन कुछ बातों का हर प्रेग्नेंट महिला को अपनी प्रीनेटल फिटनेस के समय ध्यान रखना चाहिए।
Dr. Vinita Manchanda, 
Senior Consultant - Physiotherapy Dept. 
Sir Ganga Ram Kolmet Hospital