बजट 2018 : महिलाओं की उम्मीदों पर कितना खरा जेटली का पिटारा

बजट 2018 : महिलाओं की उम्मीदों पर कितना खरा जेटली का पिटारा

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बजट में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की संचालित योजनाओं में महिला कर्मियों के लिए कॉन्ट्रिब्यूशन रेट को कम कर दिया है। महिला कर्मियों के लिए पीएफ योजनाओं में कॉन्ट्रिब्यूशन रेट 8 फीसदी के बीच किया गया है। इसमें जिन महिलाओं का वेतन कम है वह कम ईपीएफ कटवाकर ज्यादा पैसा खर्च के लिए रख सकती है। पहले यह करीब 9 फीसदी था। सरकार ने इस साल नए कर्मचारियों के लिए यह बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए ऋण मार्च 2019 तक बढ़कर 75,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। जेटली ने आम बजट पेश करते हुए कहा, “महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण 2016-17 में बढ़कर लगभग 42,000 करोड़ रुपए हो गया था। पिछले साल की तुलना में इसमें 37 फीसदी का इजाफा हुआ है।
” उन्होंने कहा, “सरकार आश्वस्त है कि स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण मार्च 2019 तक बढ़कर 75,000 करोड़ रुपए हो जाएगा। ” उन्होंने 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटन राशि बढ़ाकर 5,750 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव रखा।